पंछी कभी अपने बच्चों के भविष्य के लिए घोंसला बनाकर नहीं देते। वो तो बस उन्हें उड़ने की कला सिखाते हैं। जो एक बार उड़ना सीख जाता है वो अपने लिए दाना और घोसला बनाने का भी इंतजाम कर लेता है। कहने का आशय ये है कि हमें आज की पीढ़ी को भी उनमुक्त और खुला छोड़ देने की जरूरत है। इससे उन्हें खुद को परखने और आजमाने का मौका मिलता है।
Follow Us
https://www.facebook.com/isunilanand
https://www.instagram.com/isunilanand
https://www.in.pinterest.com/isunilanand